g20 india
जी20, 20 देशों का एक अंतरराष्ट्रीय मंच है, जहां सरकारें और केंद्रीय बैंक गवर्नर्स के प्रतिनिधि 19 देश और यूरोपियन यूनियन से मिलते हैं। इसकी शुरूआत 1999 में हुई थी। यह विश्व आर्थिक सहयोग और नीतिवाद पर चर्चा करने के लिए एक मंच का काम करता है। G20 के सदस्य दुनिया की आर्थिक व्यवस्था का एक महत्तवपूर्ण भाग है। वे वार्षिक रूप से अलग-अलग सदस्य देशों में अलग-अलग अर्थिक और वित्तप्रशसानिक मुद्दों पर बात करते हैं।अब हम G20 BHARAT के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
G20 BHARAT
G20 हुआ अब G21-
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी G20 सदस्यों की सहमति के साथ अफ्रीकन यूनियन को भी G20 ki सदस्यता दी है। जिससे अब G20 में यूरोपिय यूनियन और 19 देशों के साथ 21वा सदस्य बन गया है।
**ग्रुप ऑफ (G20) का पूरा विवरण**:
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी, जिसे अक्सर G20 के रूप में संक्षेपित किया जाता है, यह एक अंतरराष्ट्रीय मंच है जिसमें 19 देशों और यूरोपीय संघ (EU) के केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स शामिल हैं। इसे 1999 में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। G20 के सदस्यों का समूह विश्व अर्थतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा प्रतिनिधित्वित करता है। यहां G20 का विस्तृत अवलोकन है:
1. **उत्पत्ति और उद्देश्य**:
- G20 को 1990 के दशक के आखिर में हुए एशियाई वित्तीय संकट के प्रतिसाधन के रूप में बनाया गया था। यह प्रारंभ में एक मंच था जिसमें वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नर्स अंतरराष्ट्रीय वित्तीय और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मिलते थे।- समय के साथ, इसकी व्यापकता विस्तार होकर व्यापार, विकास, जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर चर्चा करने में शामिल हो गई।
2. **सदस्यता**:
- G20 में 19 व्यक्तिगत देश और यूरोपीय संघ औरअफ्रीकन यूनियन शामिल है। 19 सदस्य देश हैं:1. अर्जेंटीना
2. ऑस्ट्रेलिया
3. ब्राजील
4. कैनेडा
5. चीन
6. फ्रांस
7. जर्मनी
8. भारत
9. इंडोनेशिया
10. इटली
11. जापान
12. मेक्सिको
13. रूस
14. सऊदी अरब
15. दक्षिण अफ्रीका
16. दक्षिण कोरिया
17. तुर्की
18. संयुक्त राज्य
19. संयुक्त राज्य अमेरिका
3. **रोटेटिंग प्रेसिडेंसी**:
- G20 एक रोटेटिंग प्रेसिडेंसी प्रणाली पर काम करता है। प्रत्येक वर्ष, एक सदस्य देश G20 प्रेसिडेंसी का कार्यभार संभालता है और वार्षिक G20 समिट का आयोजन करता है।- प्रेसिडेंसी की जिम्मेदारी वर्ष के लिए अजेंडा और प्राथमिकताओं को तय करना होता है और विभिन्न बैठकों और कार्यक्रमों का आयोजन करना होता है।
4. **समिट बैठक**:
- G20 एक वार्षिक समिट आयोजित करता है, जिसमें सदस्य देशों के नेताएँ एकत्र आकर्षित होती हैं और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करती हैं और निर्णय लेती हैं।
- समिट नेताओं को उच्च स्तरीय चर्चा और विचारविमर्श के लिए अवसर प्रदान करता है, जैसे व्यापार, वित्त, जलवायु परिवर्तन, और अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दे।
5. **मुख्य मुद्दे**:
- G20 विश्व के विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक व्यापक चैलेंज का सामना करता है, जैसे:- आर्थिक और वित्तीय स्थिरता।
- व्यापार और निवेश।
- पारिस्थितिकीय विकास और गरीबी का कमी करना।
- जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण।
- स्वास्थ्य संकट, जैसे COVID-19 महामारी का प्रतिसाधन।
- वैश्विक प्रबंधन और भौगोलिक तनाव।
6. **उपलब्धियां**:
- G20 ने वैश्विक आर्थिक संकट, जैसे 2008 वित्तीय संकट का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।- इसने जलवायु परिवर्तन का समाधान, साश्वत विकास को प्रोत्साहित करने, और अन्य दुर्भाग्यपूर्ण वैश्विक मुद्दों का समर्थन दिया है।
7. **आलोचना और चुनौतियां**:
- आलोचक इस बात का दावा करते हैं कि G20 की प्रभावकारिता इसके आकार और विविधता के कारण सीमित है, इसलिए मुख्य मुद्दों पर सहमति प्राप्त करना कठिन होता है।- कुछ इसे जवाबदेह और पारदर्शी नहीं मानते हैं, क्योंकि इसके निर्णय कानूनी रूप से बाध्य नहीं होते।
8. **G20 की भूमिका 2023 में (तबादला हो सकता है)**:
- 2023 में G20 की विशेष प्राथमिकताएँ और गतिविधियों की निर्धारण की विशिष्ट प्रेसिडेंसी पर निर्भर करेंगी। इनमें जारी आर्थिक चुनौतियों का समाधान, वैश्विक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करना, जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाना, और अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दें शामिल हो सकती हैं।G20 विभिन्न अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में जारी है, और इसका महत्व समय के साथ बदलती वैश्विक गतिविधियों और चुनौतियों के प्रतिस्थापन के आधार पर बढ़ सकता है। कृपया ध्यान दें कि मेरी जानकारी सितंबर 2021 तक उपलब्ध जानकारी पर आधारित है, और उस समय से G20 की गतिविधियों और प्राथमिकताओं में बदलाव हो सकता है।
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