Doglapan by Ashneer Grover Summary in Hindi - दोगलापन by अशनीर ग्रोवर - PDF

 नमस्कार दोस्तों, आज हम इस लेख में हम बात करेंगे इंटरप्रेन्योर के बारे में Doglapan by Ashneer Grover Summary in Hindi | इसमें देखेंगे अश्नीर ग्रोवर द्वारा दिए गए 7 लाइफ लेसन | जिससे अश्नीर ग्रोवर के बिज़नस लाइफ के बारे में बात की गयी है | अश्नीर ग्रोवर ने इसमें बहुत से राज खोले हैं चलिए शुरू करते हैं | 

Doglapan by Ashneer Grover Summary in Hindi - दोगलापन by अशनीर ग्रोवर - PDF

Doglapan by Ashneer Grover Summary in Hindi - दोगलापन by अशनीर ग्रोवर - PDF











दोस्तों Doglapan बुक में अश्नीर ग्रोवर ने बताया है की वो कोनसी घटनाये हुई जिनके कारण अश्नीर अब जल्द ही किसी पर विश्वास नहीं कर पाएंगे | 


 Lesson 2 : Never Trust Blindly

 

अश्नीर कहते है जब वो जनवरी 2015 में अमेरिकन एक्सप्रेस में कम कर रहे थे तब उनकी मुलकात IIT दिल्ली के बैच मेट अल्बिंदर सिंह से हुई जिन्होंने जिन्होंने recently Zometa छोड़ा था और ग्रोफर्स नाम की नै कंपनी स्टार्ट की थी | अल्बिंदर ने अश्नीर से कहा की वो इन्वेस्टर्स से पैसे लेना चाहते हैं | इसलिए वो चाहते हैं की अश्नीर उनकी प्रजेंटेसन बनाने के लिए हेल्प करे जिसे दिखा कर वो इन्वेस्टर्स से पैसे ले सके गे | जब अश्नीर ने अल्बिंदर के साथ बैठ कर उनकी प्रजेंटेसन बनवाई तो अल्बिंदर ने उन्हें कहा की तू भी हमारे साथ ग्रोफेर्स ज्वाइन कर सकता है | अश्नीर को उस समय अमेरिकन एक्सप्रेस से 80 लाख रूपये साल के मिल रहे थे | अल्बिंदर ने कहा की इतने पैसे तो तुम्हे नहीं दे सकते लेकिन साल के 40 लाख रूपय दे सकते हैं | और 40 लाख के कंपनी के eShops यानि शेयर | इस पर अश्नीर ने कहा की ठीक है  लेकिन मेरी एक शर्त है अगर कंपनी की वैल्यू 8 बिलियन डोलोर हो जाती है तो मुझे भी 100 करोड़ मिलने चाहिए | पर अल्बिंदर ने इसे except कर लिया | अश्नीर को अल्बिंदर पर विश्वास था इसलिए उन्होने ये डील except कर ली | और उनका स्टार्टअप ज्वाइन कर लिया | कंपनी ज्वाइन करने के बाद अश्नीर में पूरी मेहनत की | कंपनी के लिए केस भी लड़े जैसे की जिस दिन उन्होंने कंपनी ज्वाइन की थी उसी दिन अल्बिंदर ने खा यार कल एक पंगा हो गया है | यर हमें रोज के 13 आर्डर आते थे कल 30 आ गये जिसमे से एक आर्डर मिस्टर कपूर का था जिन्होंने नै आर्गेनिक vegetable की शॉप दुकान खोली है और अपनी ही दुकान से उन्होंने हमारी एप को यूज़ करके सब्जिय मंगवाई और हमारे मेनेजर ने उनकी दुकान की बजाय एक लोकल शॉप से उन्हें सब्जिय दे दी | जिसकी वजह से उन्होंने हम पर FIR कर दी | और ये तुझे देखना है | पहले तो  अश्नीर ने मिस्टर कपूर से बात की बात करने के बाद उन्हें पता चला वो अपनी FIR वापस नहीं लेंगें | अब हुआ ये की इस FIR को हटाने के लिए उन्होंने हाई कार्ट की मदद ली | लेकिन वो केस हर गए | 

उन्होंने जल्द ही सुप्रीम कार्ट के लोयेर गोपाल सुभ्र्मनायम के बेटे गिरी सुब्र्मनायम की मदद ली और दोबारा से हाई कार्ट में केस किया ताकि हाई कार्ट दोबारा से इस केस को रिजेक्ट करे और उन्हें सुप्रीम कार्ट जाने का मोका मिले | जैसे ही केस सुप्रीम कार्ट में गया उन्होंने गिरी को कहा की वो उनके डैड से केस लड़ने के लिए कहे | गोपाल सुब्र्मनायम हर एक हियरिंग का 7.5 लाख लेते थे जब उन्होंने ये केस देखा तो वो हसने लगे  की 500 रूपये की सब्जी के लिए तुम्हारे ऊपर केस कर दिया | इस केस के जज जगदीश सिंग केहर थे जो बाद में इंडिया के 44th CJI बने | गोपन ने बताया की ये जज बहुत स्ट्रिक्ट है और ज्यादा चांस हैं की ये केस आप हर जाओगे |इसका मतलब है की ग्रोफेर स्टार्ट होने से पहले ही ख़त्म हो जायेगा और किसी एक फाउंडर को जेल भी जाना पड़ेगा | 

उस दिन जो भी केस जज के पास आ रहे थे वो फाइल आते ही निचे फेक रहे थे | इसका मतलब था की केस रिजेक्टेड है | जब अश्नीर केस की बरी आई तो कुछ स्टार्ट इस तरीके से किया : 

गोपाल :  सर ये मेरी लाइफ का सबसे इंट्रेस्टिंग केस है मान लो आपको किसी ने आम दिया ये कहकर की वो मीठा है और आपने आम खाया और आम मीठा नही था तो इसका मतलब यह है की कोई भी केस लेकर सुप्रीम कार्ट आ जायेगा हम इन छोटे केस पर टाइम वेस्ट करेंगे | जब जज केस सुनने लगे तो  मिस्टर गोपाल ने कहा की सच में ये true है तो  वो 500 रुपये की सब्जियां कहा है | इस तरह से केस बंद कर दिया गया | 

इसके अलावा अश्नीर ने ग्रोफेर्स की वैल्यूएशन को 10 गुना बढ़ाने में हेल्प की | एक दिन अश्नीर की वाइफ ने कहा की अल्बिंदर का दिन साफ तो है न क्योकि ये लोग अपने कुछ शेयर बेच रहे है और फार्च्यूनर ले रहे है और तुम्हारे शेयर Locked हैं |  तो इस बारे में अस्नीर ने अल्बिंदर से बात की to अल्बिंदर ने खा की हां ये मेरे दिमाग से स्किप हो हया | तुम अपने सेलेरी रेवावी कर सकते है| उस समय अश्नीर ही CFO थे तो  अश्नीर ने अपने सेलेरी 75 लाख रख ली जबकि अस्नीर 80 लाख तक रख सकते थे लेकिन अश्नीर ने सोचा की ये पैसे कंपनी के कम आयेंगे | ग्रोफेर्स के एक और फाउंडर थे सोरव जो कुछ ऐसे लोगो को ज्वाइन जो अपने कम में ज्यादा अच्छे नही थे | जब अश्नीर ने in चीजो को पॉइंट करन स्टार्ट किया तो बात यहाँ तक आ गयी की उन्हें ये कंपनी छोड़ने के लिए खा गया | इसके लिए अल्बिंदर ने अश्नीर को ओबरॉय होटल में बुलाया | to अश्नीर ने कहा की अभी कंपनी की वैल्यूएशन 8 बिलियन to नहीं हुई है जैसा की हमने सोचा था लेकिन 370 मिलियन डोलोर है to इसके अकोर्डिंग मेरे 10 करोड़ के करीब बनते हैं लेकिन कम से कम 1 करोड़ to मुझे मिलने चाहिए | इसके लिए अल्बिंदर ने अश्नीर से काफी नेगोसिएत किया |

ग्रोफेर्स से निकले जाने के बाद अश्नीर ने अपने सरे फ्रेंड्स को जॉब या उनकी कंपनी ज्वाइन करने के लिए कॉल किया लेकिन किसी ने उनकी मदद नही की | 

Even भारत पे से उन्हें निकल दिया गया तो  उन्ही के Cofounder ने उनको निकलने के लिए वोट किया | 

इस तरह पहला लेसन यह है की किसी पर अँधा भरोसा मत करो | 

इस टॉपिक पर एक और काफी अच्छी एक बुक है 48 Low of Power जिसे हम पढ़ सकते हैं | 

 

 

Lesson 2 : DON'T TELL YOUR SECRETS 

अश्नीर ग्रोवर जब IIT दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग कर रहे थे तो वहां पर एक प्रोग्राम होता था जिसमे IIT के 5 बच्चे फ़्रांस जाकर पढ़ते थे | पर 5 बच्चे फ्रांस से IIT दिल्ली आगर पढ़ते थे | इसमें अच्छी बात यह थी की जो IIT से फ़्रांस के लिए जाये उसे फ़्रांस में भी IIT की फीस ही देनी पडती थी | जो की फ़्रांस की कॉलेज से बहुत कम थी | अश्नीर अश्नीर 4 और बच्चो के साथ सेलेक्ट हो गए इसमें बाकि 4 बच्चे फ़्रांस जाने की सेलिब्रेशन कर रहे थे वही पर अश्नीर को पता चला की फ़्रांस में एक स्कालरशिप भी मिल सकती है और इस स्कॉलरशिप के अनुसार फ़्रांस में उन्हें हर महीने 600 यूरो मिलेंगे | अश्नीर को पता था की उन्होंने यदि ये information बाकि 4 बच्चो के साथ शेयर कर दी to उनके स्कॉलरशिप मिलने के चांस बहुत कम हो जायेंगे | क्योंकि ये स्कॉलरशिप 2 बच्चो को ही मिलने वाली थी | और उन्हें ये भी डर था की अगर उन्हें इस स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर दिया to बाकि 4 बच्चे उनके बारे में क्या सोचेंगे | Finaly उन्होंने तय किया की वे उनकी परवाह नही करेंगे | उन्होंने स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई कर दिया जो उन्हें मिल भी गयी ये इतना पैसा था की अश्नीर ने काफी यूरोप घुमा | जबकि in पैसो में से उन्होंने काफी सेविंग भी की | और अपनी इंजीनियरिंग के 3rd इयर के बाद उन्होंने अपनी study के लिए कभी भी अपने पेरेंट्स से पासे नही मांगे | इस स्टोरी का लेसन यह है की Don't tell your secrets 

इसका मतलब यह की किसी का बुरा नही करना चाहिए लेकिन अपने अवसर को पाने के लिए हर स्टेप लेना चाहिए | 
 इस टॉपिक के लिए आप चाणक्य निति बुक भी पढ़ सकते हैं | 

Lesson 3 Spend Time With People Above You

अश्नीर ग्रोवर के मामा जी कनाडा रहते थे | इसलिए बचपन में अश्नीर उनकी mother और sister के साथ उनसे मिलने कनाडा चले गये | कनाडा के साथ वो UAS और यूरोप भी गए | अश्नीर कहते हैं की पहले वो दिल्ली को ही अच्छा समझते थे लेकिन कनाडा में उन्होंने जो लोगो का लाइफ स्टाइल और वहा की सडकें और उनके कम करने का तरीका देखा तो उनके ambitions बढ़ गये | वो खुद सोचने लग गये उन्हें भी कुछ लाइफ में बड़ा करना है | IIT Delhi से उन्हें फ़्रांस जाने का मोका मिला था to भी उहोने देखा था वह के स्टूडेंट्स बहुत आर्गनाइज्ड थे | अपने साथ में पेंसिल बॉक्स रखते थे और साथ में डिफरेंट कलर के पेन रखते थे | जिनसे अश्नीर ने बहुत कुछ सिखा | 

Inshort इस पॉइंट का  lesson यह है की अपने लेवल के लोगो के साथ मत रहो अपने से आगे हैं उन लोगो के साथ रहो ताकि उन लोगो के कम करने के तरीके सीख सके और अपने ambition बढ़ा सके | और सोचे की हमे भी लाइफ में कुछ बड़ा करना है | 

इस लेसन के लिए हम दो बुक हम पढ़ सकते है "Awaken the Giant Within " एंड " Unlimited Power"

 

Lesson 4 : Always try to give preference to your Family  

अश्नीर ने अपनी फैमिली को हमेशा साथ रखा | 

For Example ग्रोफेर्स के टाइम अश्नीर ने अपनी वाइफ की हेल्प ली 50,000 वर्ग फीट का ऑफिस बनवाने के लिए | और इसके लिए मात्र 1.5 करोड़ रूपये खर्चे और बाकि आर्गेनाइजेशन ऐसा ऑफिस बनाने के लिए 12-12 करोड़ रूपये खर्च लेती हैं | 

भारत पे के टाइम भी उनकी वाइफ HR और बाकि टीम बनाने में उनकी हेल्प कर रही थी | 

अश्नीर कहते थे हम इंडिया में ज्यादातर profiteble बिज़नस देखे to वो फैमिली रन बिज़नस हैं | जैसे अम्बानी ग्रुप 

बेसक हम बिज़नस करने के लिए USA से पैसे ले सकते है लेकिन हमें इंडियन स्टाइल में ही बिज़नस करना चाहिए | और अगर हमारे फैमिली मेम्बेर्र कैपेब्ल है to उन्हें हायर पोस्ट पर भी अपोइन्ट कर लेना चाहिए जैसे की बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर क्योकि मुस्किल टाइम में हमारे 20 साल पुराने दोस्त भी कम नहीं आयेंगे | लेकिन फैमिली वाले कम पैसो में भी कम करेंगे और बुरे वक्त में भी हमारा साथ नही छोड़ेंगे |  

 

Lesson 5 : नौकरी करके कोई अमीर नही बना 

अश्नीर ने 9 सालो तक नोकरी करी पहले कोटक में फिर अमेरिकन एक्सप्रेस में फिर PC ज्वेलर्स में |

अश्नीर की mother स्कूल टीचर हैं और डैड CA की फर्म रन करते हैं | और उनके घर वाले भी यही चाहते थे की वो भी एक स्टेबल जॉब ही करे लेकिन अश्नीर कहते हैं | मेरे एक्स्पेरिंस के अनुसार जॉब से केवल हम बस इन्फ्लेशन को बीट कर सकते हैं | और अपनी बेसिक नेसिस्टी ही पूरी कर सकते हैं | लेकिन बिज़नस ही हमे एक बेटर लाइफ स्टाइल दे सकता है, जो हमने ड्रीम किया है | रेगुलर इनकम वालो की मेंटालिटी होती है की उन्हें हर महीने सैलरी आती रहे लेकिन हमे बिज़नस हमें बिज़नस करना है तो हमे ये समझना होगा की हर महीने हमें पैसे न मिले और शायद साल में एक ही बार हमे अच्छा खासा अमाउंट मिल जाये |  

 जैसे अश्नीर की मैंन वैल्यू बिज़नस में ही मिली वो भारत पे के 8.43 % शेयर ओन करते हैं | जिसकी वैल्यू 1920 करोड़ है | जो वो सैलरी के थ्रू कभी कम नही सकते थे | 

इस पॉइंट को और डिटेल में समझने के लिए हम रिच डैड पुअर डैड पढ़ सकते हैं |

 

Lesson 6 : If you open a company put your self first 

अश्नीर  कहते हैं अगर हमने बिज़नस के लिए इन्वेस्टमेंट ली है तो कांट्रैक करते समय यह पॉइंट डलवा लो की अगर शेयर बेचने की कभी भी opportunity मिलती है तो as a founder हम भी अपने शेयर सेल कर सकते है | अश्नीर खुद भी ये गलती कर बैठे थे जहाँ पर उनके इन्वेस्टर अपने शेयर सेल कर रहे थे और अपने पैसो को 80 से 250 गुना कर रहे थे | वहीं पर अश्नीर को अपने एंजेल इन्वेस्टर्स से ऑलमोस्ट भीख मांगनी पड़ रही थी की वो भी अपने शेयर बेचना चाहते है | 

Inshort अगर हमारी वेल्थ पेपर में ही रहेगी to कभी हमे उतना कांफिडेंस नही आएगा | बड़ा कम करने के लिए हमारे बैंक में पासा होना चाहिए| 

इस टॉपिक के लिए हम एक बुक पढ़ सकते हैं स्टार्टअप आईडिया to IPO | 

 

Lesson 7 : Delegate Delegate Delegate 

ज्यादा वेल्थ तब होती जब हम सीखते है की हमे एक टीम कैसे बनानी है और उससे कम कैसे करवाना है | अगर हम हर चीज खुद करते रहेंगे तो कभी हम बड़ा बिज़नस नही बना पाएंगे अश्नीर कहते है की मैं एक सिविल इंजीनियर हूँ लेकिन अगर अपना एक प्रोडक्ट बनाने के लिए एक प्रोग्रामर की जरूरत है तो मैं सैलरी के साथ BMW Bike भी दे सकता हूँ | 

और उन्होंने इस बार नया स्टार्टअप खोला है जिसे उन्होंने नाम दिया है 3rd unicorn और इसे linkden और बाकि जगह में भी लिख रहे हैं | और ये कहते हैं की जो उनके साथ 5 साल तक कम करेगा वो उन्हें मर्सिडीज बेंज देंगे | 

और इस टॉपिक पर आप एक अच्छी बुक पढ़ सकते हैं The EMyth Revisited एंड High output Management 

 

तो हमने इस बुक में लेसन देखे हैं और इस बुक समरी में हो भी बुक हमने डिस्कस की है उन बुक्स की हिंदी समरी हमारी वेबसाइट पर मिल सकती है और अगर बुक पढना चाहते हैं to इनके लिंक निचे दे रहा हूँ आप हार्ड कॉपी मंगवा कर पढ़ सकते हैं 

धनवाद



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