Wings of fire PDF हिंदी में

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Wings of fire PDF हिंदी में 

Wings Of Fire  यानि अग्नि की उडान एक ऐसे इन्सान के बारे में हमें बताती जिनका हमारे स्पेस टेक्नोलोजी और हमारे डिफेन्स टेक्नोलॉजी में बहुत बड़ा योगदान है | उनका नाम है डॉ एपीजे अब्दुल कलाम | डॉ कलाम बाद में जाकर भारत के 11वे राष्ट्रपती बने | इन्हें सन1997  में भारत रत्न से सम्मानित किया गया|

            अगर आप सूर्य की भांति  चमकना चाहते हैं ,

            तो  आपको सूर्य की भांति तपना होगा |

                                                             :- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम 

 डॉ एपीजे कलाम ने Wings Of Fire बुक के माध्यम से निम्न बाते शेयर की -

~ Best and worst moments

~Obtacles                                                                               

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~Persistent Efforts

~Result of efforts 

#1.डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 

कलाम सर का जन्म 15th oct 1931 को रामेश्वरम के छोटे से गाँव धनुषकोडी में हुआ था | इनके पिता का नाम अवुल पकिर जैनुलब्दीन अब्दुल कलाम था | उनके पिता जी एक छूटे से नाव के मालिक थे जिससे वे फेरी का कम करते थे | डॉ कलाम की माता का नाम आशिमा था | कलाम सर अपने घर में सबसे छोटे थे उनकी एक बड़ी बहन और तीन बड़े भाई थे | 

  

#2. डॉ कलाम की  स्कूल की पढाई

Wings Of Fire किताब में डॉ कलाम ने बताया की उनकी हाई स्कूल की पढाई Schwartz High School हुई | वे बचपन से ही पढाई में बहुत होशियार थे | और इस  टेलेंट को उनके जीजा जलालुदीन ने परख लिया था | उन्होंने डॉ कलाम के अन्दर बुक रीडिंग की आदत डलवाई | साथ ही साथ वे उनको लिटरेचर, इंटेलेक्चुअल नॉलेज, रिलीजियस & spirtual और करंट अफेयर्स के बारे में Discuss करने लगे | जिससे कलाम सर सम्पुरण विकाश हो सके | 

 

#3. कॉलेज की पढाई 

डॉ कलाम की पढाई सेंट जोजेफ कॉलेज से हुई थी | उन्होंने कॉलेज में B.Sc फिजिक्स की डिग्री हासिल की| लेकिन इससे उन्हें संतुष्टि नहीं मिली और आगे उन्होंने इंजिनियरिंग करने का फैसला किया | इसी कारन उन्होंने MIT में अप्लाई कर दिया और उन्हें उसमे एडमिशन मिल गया | कलाम सर ने एक एयरक्राफ्ट से इंस्पिरे होकर 2nd इयर में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग चुना |  

 

#4 MIT  ( मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी )

लेकिन इससे उन्हें संतुष्टि नहीं मिली और आगे उन्होंने इंजिनियरिंग करने का फैसला किया | इसी कारन उन्होंने MIT में अप्लाई कर दिया और उन्हें उसमे एडमिशन मिल गया | कलाम सर ने एक एयरक्राफ्ट से इंस्पिरे होकर 2nd इयर में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग चुना |  

#5 HAL 

डॉ कलाम को इंजीनियरिंग कम्पलीट होने के बाद HAL में ट्रेनिंग के लिए चुना गया | 

#6 Intrview

इंजीनियरिंग के बाद डॉ कलाम ने 2 इंटरव्यू के लिए अप्लाई किया | एक था , डायरेक्टरेट ऑफ़ टेक्निकल डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन (DTD & P ) , और दूसरा था इंडियन एयरफोर्स में SSB SSB में डॉ कलाम फ़ैल हो गए |

#7. Shivanand

SSB में फ़ैल होने के बाद डॉ कलाम बहुत आहत हुए जिसके बाद वे पास के ही एक आश्रम में चले गए | जहा ये सारी  घटना उन्होंने शिवानन्द स्वामी को बताई | स्वामी जी ने कहा कभी कभी हमे वह नही मिलता जिसकी हम बहुत मेहनत करते है उसे हमें मन लेना चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए सायद भाग्य ने हमारे लिए कुछ बड़ा सोच रखा हो | 

#8. DTD Interview

दिल्ली में DDT का इंटरव्यू देने के बाद डॉ कलाम को पता चला वे उसमे पास हो गए|

#9 NANDI

उन्हें सीनियर साइंटिस्ट की पोस्ट मिल गयी | यह पोस्ट मिलने के बाद उन्हें टास्क मिला overcraft बनाने का जिसे देख कर कलाम सर बहुत चोक गए | उन्हेंने सोचा जो चीज उन्होंने देखी ही नहीं वो वे बना कसे सकते है | इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें लीडर चुना गया | उन्हें इसे बनाने के लिए 18 महीने का समय मिला था लेकिन उन्होंने इसे 15 महीने में ही कम्पलीट कर दिया | और इस overcraft का नाम उन्होंने नंदी ( NANDI ) रखा | 

#10 DR. vikram sarabhai

NANDI बनाए के बाद डॉ कलाम के पास INCOSPAR ( Indian committeefor Space Research ) से इंटरव्यू लेटर आया | यह इंटरव्यू इन्कोस्पार चीफ डॉ विक्रम साराभाई ने लिया और इसमें ये पास हो गए और फॉर डॉ कलाम भी INCOSPAR के सदस्य बन गए | ये वही  कमिटी है जो बाद चलकर इसरो बन गया | 

#11. 1s mission: TERLS 

कलाम सर का सबसे पहला मिशन था TERLS ( थुम्बा इक्वेटोरियल राकेट लौन्चिंग स्टेशन ) | इस मिशन का टास्क था की वो एक ऐसा राकेट लोंचिंग सेण्टर बनाये जहा से वे SLV और दुसरे राकेट लोंच कर  सके | इस सेण्टर के टेस्टिंग के लिए नाइके अपाचे राकेट का इस्तेमाल किया गया जो विदेशी राकेट था | यह राकेट एक सौन्डिंग राकेट था | इस NIKE APACHE सौन्डिंग राकेट को TERLS  से 21st नवम्बर 1963 को सफलतापूर्वक लांच किया गया | 

 

#12 NASA Ka Safar

डॉ विक्रम साराभाई ने डॉ कलाम को NASA के लंगली रिसर्च सेंटर भेजा जिससे वे SLV पर रिसर्च कर सके | वंहा पर कलाम सर को एक पेंटिंग ने बहुत इंस्पायर किया जो टिप्पू सुल्तान की पंटिंग थी | जिन्होंने 18th शताब्दी में राकेट बनाकर बअंग्रेजो पर हमला किया था | 

#13. ISRO की स्थापन 

अमेरिका से लोटने के बाद 15 अगस्त 1969 को इसरो को स्थापन हुई | और इन्कोस्पार कमिटी के सारे सदस्य ISRO में शामिल किये गये |पूरी कमिटी SLV को बनाने में जुट गयी | अब SLV की टेस्टिंग का दिन आया लेकिन तभी डॉ कलाम को एक शोकिंग न्यूज़ मिली की डॉ विक्रम साराभाई हार्ट atteck के कारण नही रहे लेकिन विक्रम सर का लक्ष्य उनके साथ था | 

#14. SLV Testing

SLV की टेस्टिंग शुरू किया गया | सबसे पहले टेस्टिंग फेस में ही लांच होने के साथ ही मोनिटर पर स्टॉप का सन्देश आ गया | इसके कारण लौन्चिंग रोकनी पड़ी | दूसरे लौन्चिंग फेस में कलाम सर को बहुत बड़ा झटका लगा पहला स्टेज तो क्लियर कर लिया पर स्टेज 2 में वह ब्लास्ट हो गया इससे कलाम सर बहुत दुखी हुए | लेकिन इसके बाद वे आगे बढे | 

लेकिन अब वो दिन आ ही गया 28 जुलाई 1980 को उन्होंने SLV को लॉ अर्थ ऑर्बिट में steblished किया | 

#15 DRDO 

इस सफलता के बाद डिफेन्स मिनिस्टर वेंकटरमण ने कलाम सर से बात की उन्होंने कलाम सर को समझाया उनकी जरूरत DRDO में है | इसके बाद डॉ कलाम ने 1982 में इसरो छोड़ कर DRDO ज्वाइन किया |            

#16 Devil project

 मिसाइल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट DEVIL के लिए 388 करोड़ पारित हुए | इस प्रोजेक्ट में कलाम सर ने 8 साल में 5 मिसाइल का डेवलपमेंट किया | ये मिसाइल निम्न है

  • PRITHVI - Surface to surface 
  • AKASH  -  surface to Air 
  • TRISHUL - surface to Air 
  • NAG       -  Anti Tank 
  • AGNI      - surface to surface Ballistic  

इसी उपलब्धि के कारण डॉ कलाम को मिसाइल मैन के नाम से नवाजा गया था |            

#17 Bharatratan

भारत को मिसाइल सम्पूर्ण करने के कारण ही डॉ कलाम को 1997 में भारत रत्न से नवाजा गया | 26 मई 2005 को डॉ कलाम के स्विट्ज़रलैंड आगमन पर इस दिन को विज्ञान दिवश के रूप में मनाया जाने लगा |

#18 11th president

कलाम सर 2002 - 2007 के कार्यकाल में भारत के राष्ट्रपती भी रहे | उस समय भारत के प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे | 

#19 Death

27 जुलाई 2015 को हार्टअटैक के कारण कलाम सर की म्रत्यु हो गयी थी | और वो जाते जाते भी भारत के उज्जवल भविष्य का सपना देख रहे थे और जाते जाते ख गये -

                  सपने वो नही जो आपको सोते वक्त आये 

                  सपने to वो होते है जो आपको सोने ही न दे 

#20. Description 

इस बुक में डॉ कलाम ने अपने शुरुआती जीवन, अपने कठिन मेहनत , ISRO , DRDO , और अपने बहुत से मिसन के बारे व नुक्लेअर मिसन के बारे में बताया व अपने सफलताओ व विफलताओ के बारे में बताया | 

 

 

धन्वाद दोस्तों आज मैंने आपको श्री एपीजे अब्दुल कलाम जी  की बुक  Wings of Fire की short summery बताई है अगर आप किसी बुक की short summery जानना चाहते हो to आप मुझे comment में बता सकते है |

 

 

 

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